नियति कैसे बदलती है?

नियति, यानी “होनी”, या फिर ” विधि का विधान”, या “प्रभु की इक्छा’ या फिर “पूर्व कर्मो का फल”।।।

इसे सभी आज के युग में मनुष्य ना बदला जाने वाला जान कर संतोष कर अपने दुखों से पार पा लेते हैं। समझदार या कर्मयोगी इसे मानते है नहीं और कर्म करने में तत्पर रहते हैं।

बिना ज्ञान के कर्मशील रहने वाला मनुष्य सदैव सुख प्राप्त कर लेता है, भले ही वो सुख मनवांछित ना हो। वह संतुष्ट अवश्य हो जाता है, की वो कर्म कर कुछ तो बदल सका जो जीवन में सकारात्मकता ले कर आया।

ऐसा मनुष्य जीवन भर कर्म करते रहता है और अंततः भरेपूरे परिवार को छोड़ मृत्यु को प्राप्त होता है, जिसे उसके सगे संबंधी और मित्र सभी याद कर सुख का अनुभव भी करते हैं।

नियति प्रबल होती है परन्तु उसे बदल पाना असम्भव नहीं। समझना सिर्फ इतना है कि ये करें कैसे।

प्रेम और भक्ति, ये दो ऐसे गुण और भाव हैं जिन्हें साध कर आप अपने सभी गुणों को सकारात्मकता प्रदान कर सकते हैं।इन्हे समझ कर, बुद्धि और विवेक का उपयोग कर अपने गुण साधने चाहिएं। ऐसा करने से सद्गुणों से परिपूर्ण हो कर आप पूर्व दुष्कर्मों को हीनता और सत्कर्मों को बल प्रदान कर सकते हैं।

ये करने के पश्चात आपके सभी ग्रह और देवता आपके साथ खड़े हो जाते हैं, क्योंकि ग्रहों का और देवताओं का कार्य आपको दण्ड देकर बाधा उत्पन्न करना नहीं, अपितु आपको आगे सद्मार्ग पर अग्रसर करना है।

जब हम अपने भाव और गुण ऐसे साध लेते हैं तो परस्पर शुभ अवसर जो आपके जीवन में समक्ष होते हुए भी आपसे भाग रहे होते हैं, सवतः आपका साथ देने आ जाते हैं और चूंकि आप सज्ज होते हैं आप उन अवसरों का भरपूर फायदा भी उठा लेते हैं।

यहीं कथन अगर समझ कर अपने चित पटल पर अंकित कर लिया जाए तो नियति आपके साथ आ कर आपकी सभी इक्छाओं का सम्मान कर उन्हें पूर्ण करती है।

और ऐसा इसलिए भी होता है क्योंकि ऐसी अवस्था में पहुंच कर आपकी अपनी भौतिक या निजी इकछाओं का अपने आप त्याग कर चुके होते हैं।

और अंततः ऐसा व्यक्ति साधु स्वभाव प्राप्त कर, स्वयं को छोड़ अपने परिवार, गांव, नगर और समाज के कल्याण हेतु ही विचारशील व कार्यरत रहता हैं।

जय श्री राधे।।

नारायण दृष्टि

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Twitter picture

You are commenting using your Twitter account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.