नियति कैसे बदलती है?
नियति, यानी “होनी”, या फिर ” विधि का विधान”, या “प्रभु की इक्छा’ या फिर “पूर्व कर्मो का फल”।।। इसे सभी आज के युग में मनुष्य ना बदला जाने वाला जान कर संतोष कर अपने दुखों से पार पा लेते हैं। समझदार या कर्मयोगी इसे मानते है नहीं और कर्म करने में तत्पर रहते हैं।… Read More नियति कैसे बदलती है?